मेट्रो-एलिवेटेड सेस पर लगी रोक, बिल्डर-आवंटियों को होगी राहत

 मेट्रो और एलिवेटेड सेस के मामले में जीडीए को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनगर एक्सटेंशन डेवलपर्स एसोसिएशन की ओर से दायर की गई याचिका पर निर्णय सुनाते हुए सेस वसूलने को तर्कसंगत न ठहराते हुए डेवलपर्स के पक्ष में फैसला सुनाया है। जीडीए अधिकारियों ने हाईकोर्ट के पूरे आदेश का अध्ययन करने के बाद आगे निर्णय लेने की बात कही है। हाईकोर्ट के आदेश से मेट्रो व एलिवेटेड सेस के रूप में करीब 100 करोड़ मिलने का मामला खटाई में पड़ा।
राजनगर एक्सटेंशन डेवलपर्स एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय में एलिवेटेड रोड और मेट्रो के नाम पर अतिरिक्त एफएआर शुल्क व रेन वाटर हार्वेस्टिंग शुल्क को चुनौती दी थी। कोर्ट ने जीडीए के शुल्क लेने के आदेश को सही नहीं ठहराते हुए डेवलपर्स के पक्ष में निर्णय दिया है। बता दें कि जीडीए की ओर से मेट्रो कॉरिडोर के 500-500 मीटर के दायरे में संपत्तियों को खरीदने पर मेट्रो सेस लगाया जाता है। प्राधिकरण वित्तीय वर्ष 2012-13 और मौजूद वित्तीय वर्ष के बीच के अंतर को 15 फीसदी मेट्रो सेस के रूप में लेता है।
ऐसे में मेट्रो सेस के जरिए जीडीए को छह सालों में करीब 100 करोड़ की आय होनी थी। जीडीए अधिकारियों के मुताबिक, मेट्रो सेस के अलावा एलिवेटेड सेस का बिल्डरों पर करोड़ों बकाया है। अकेले राजनगर एक्सटेंशन में 25 से अधिक बिल्डरों ने मेट्रो व एलिवेटेड सेस जमा नहीं किया है। ऐसे में न्यायालय के फैसले से बिल्डरों को बड़ी राहत मिली है। क्रेडाई गाजियाबाद के अध्यक्ष गौरव गुप्ता ने कहा कि जीडीए की ओर से गलत तरीके से बिल्डरों से एलिवेटेड व मेट्रो के नाम पर सेस लिया जा रहा था। न्यायालय के फैसले का वह स्वागत करते हैं। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि न्यायालय के निर्णय का अभी अध्ययन बाकी है। इसके बाद ही कोई टिप्पणी की जा सकेगी।
100 की जगह छह साल में मिले 18 करोड़
जीडीए की ओर से महानगर के यातायात को रफ्तार देने के लिए दिलशाद गार्डन से शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन कॉरिडोर और एलिवेटेड रोड का निर्माण किया है। दोनों बड़े प्रोजेक्ट की लागत को वसूलने केलिए जीडीए ने मेट्रो और एलिवेटेड सेस लगाया है। दोनों सेस से जितनी आय की उम्मीद जीडीए कर रहा था, नतीजे उससे बिल्कुल उलट रहे। सीएटीपी के मुताबिक 2014 से लेकर अब तक मेट्रो व एलिवेटेड सेस से प्राधिकरण को कुल 18 करोड़ ही मिल पाया है। जबकि उम्मीद करीब 100 करोड़ की लगाई गई थी।